NDTV के एक एंकर ने राहुल गाँधी की तुलना "चाणक्य" से कर डाली…
महान "चाणक्य" का अपमान करने के लिए इससे पहले वे लोग उनकी तुलना दिग्विजय सिंह और अर्जुन सिंह से भी कर चुके हैं…
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जिस विद्वान ने कहा होगा कि "मूर्खता की कोई सीमा नहीं होती…", वे आज जिन्दा होते तो इसमें "चमचागिरी" शब्द भी अवश्य जोड़ते….
महान "चाणक्य" का अपमान करने के लिए इससे पहले वे लोग उनकी तुलना दिग्विजय सिंह और अर्जुन सिंह से भी कर चुके हैं…
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जिस विद्वान ने कहा होगा कि "मूर्खता की कोई सीमा नहीं होती…", वे आज जिन्दा होते तो इसमें "चमचागिरी" शब्द भी अवश्य जोड़ते….
अगर असम में हिंदुओं के नरसंहार को आप टीवी चैनलों पर नहीं देख पा रहें हैं तो उसके पीछे कुछ खास वजहें हैं। राजदीप सरदेसाई के अनुसार जब तक 1000 हिंदू नहीं मरते, तब तक वो कोई खबर ही नहीं है। बेचारे को गुजरात के दंगों से बड़ा सदमा पंहुचा हुआ लगता है या फिर मुँह में इतने पैसे ठूंस दिए गए हैं कि सच नहीं निकाल पा रहा है।
अगर लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ऐसा होता है तो मैं थूकता हूँ ऐसी मीडिया के दलालों पर....जीने लिए दंगे तो केवल 'गुजरात' में होते हैं और दंगा पीड़ित केवल मुसलमान होते हैं। आ......क थू
सोचिए जरा !
अगर लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ऐसा होता है तो मैं थूकता हूँ ऐसी मीडिया के दलालों पर....जीने लिए दंगे तो केवल 'गुजरात' में होते हैं और दंगा पीड़ित केवल मुसलमान होते हैं। आ......क थू
सोचिए जरा !
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